इस लेख को पढ़कर जानें कि एथिलीन गैस से हर बार पूरी तरह से पके, मीठे और स्वादिष्ट सुनहरे केले कैसे प्राप्त करें।
एथिलीन गैस एक प्राकृतिक पाया जाने वाला हार्मोन है जो फलों और सब्जियों के पकने की गति को तेज करता है। हवा में एथिलीन की कमी, असमान और धीमी गति से फलों के पकने का कारण बन सकती है। गैस का राईपनिंग चैम्बर में 150-200 पी.पी.एम. वातावरण बनाने से यह सुनिश्चित होगा कि केले पूरी तरह से तीन से चार दिन में बेचने के लिए तैयार हो जाएँ। एथिलीन जनरेटर का उपयोग करके तेजी से केले के पकने के लिए उच्च क्वालिटी एथिलीन गैस का सुरक्षित रूप से उत्पादन कर सकते हैं।
राईपनिंग चैम्बर की प्री-कूलिंग
इससे पहले कि आप केला पकाने की प्रक्रिया शुरू करें, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि राईपनिंग चैम्बर ठीक से तैयार हो। केला रखने के उपरांत चैम्बर में 18 डिग्री सेल्सियस के तापमान और 85-95% की नमी (आर्द्रता) होनी चाहिए। नमी का स्तर बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर को उपयोग किया जाता है। चैंबर में प्लास्टिक क्रेट के बीच में थोड़ी थोड़ी जगह छोड़ें। इससे हवा का प्रवाह अच्छा रहेगा और कार्बन डाई आक्साइड (CO2) जमाव को कम रखने में मदद मिलेगी। ऐसी छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से आपको निश्चित रूप से अच्छे परिणाम मिलेंगे।
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आवश्यक तापमान और नमी के स्तर को बनाए रखना है अति-महत्वपूर्ण
सफल तरीके से फल पकाने के लिए तापमान, नमी और CO2 स्तर महत्वपूर्ण हैं। राईपनिंग चैम्बर में तापमान और नमी की निगरानी पे नजर रखें। आवश्यक सीमा के बाहर होने पर तुरंत ध्यान दें। CO2 की मात्र ज्यादा होने पे चैम्बर में वेंटिलेशन करें। सामान्य स्तर बनाए रखने के लिए हर 12 घंटे में 10 मिनट दरवाजा खोल दें। CO2 स्तर बनाए रखने के लिए स्वचालित पंखे से संचालित डैम्पर सिस्टम भी इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह से नमी को भी सेन्सर के माध्यम से नापें। ह्यूमिडिफायर से कम नमी स्तर को बढ़ाया जाता है। फर्श पर पानी छिड़कने से ज्यादा नमी नहीं बढ़ पाती है क्यूंकि ऐसा करने से नमी हवा में मिश्रित नहीं होती है।
एथिलीन जनरेटर क्या है?
एथिलीन जनरेटर का उपयोग, केला, आम, पपीता, ऐवकाडो, नींबू, टमाटर इत्यादि फलों को राईपनिंग चेम्बर में पकाने हेतु किया जाता है। चेम्बर में उचित तापमान और नमी बन जाने के उपरांत जनरेटर को चालू कर दिया जाता है। राईपनिंग चेम्बर के साइज़ अनुसार राईपनिंग कान्सन्ट्रैट जनरेटर टंकी में डाल दिया जाता है। क्रेटों के बीच में इसको रख देते हैं जिससे गैस अच्छी तरह से चेम्बर में मिश्रित होती रहे। गैस देने के बाद २४ घंटे (24 hour) तक चेम्बर बंद रखा जाता है। उसके उपरांत जनरेटर दूसरे कमरे में इस्तेमाल किया जा सकता है। केले को बाज़ार/मंडी में बेचने के लिए कुल ३-४ दिन (3-4 days) का समय लगता है। इस दौरान चेम्बर में तापमान बनाए रखना जरूरी होता है।
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एथिलीन जनरेटर से पकाये जाने से केले जल्दी तैयार हो जाते हैं। एथिलीन स्प्रे या सिलिन्डर के मुकाबले एक-दो दिन तक की बचत हो जाती है। खराब मौसम में भी कम समय लगता है। बिजली बचत के साथ साथ समय की भी बचत हो जाती है। चेम्बर में लीक होने पर भी क्वालिटी में कोई कमी नहीं आती। और फायदे जानने के लिए या कोई सवाल पूछने के लिए काल/व्हाट्सप्प करें- +91-9807437828 पर।
एथिलीन गैस फल पकाने के लिए है सुरक्षित
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार एथिलीन का नियंत्रित मात्रा में उपयोग करना फलों के लिए सुरक्षित है। FSSAI द्वारा दिए गए निर्देश पढ़ने के लिए ये लिंक देखें।